सोच-समझ कर शेयर मार्केट में निवेश करें


योगेश अवस्थी 


देश की तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते भारतीय शेयर मार्केट ने हाल ही में दुनिया के शीर्ष शेयर बाजारों- अमेरिका, चीन, जापान के बाद अपना चौथा स्थान बना लिया है। पिछले कुछ सालों से घरेलू निवेशकों का रुझान भारतीय शेयर मार्केट की तरफ तेजी से बढ़ा है। कम समय में अधिक रिटर्न पाने की लालसा में सामान्य निवेशक फाइनेंस इन्फ्लुएंसर तथा एक्सपर्ट की सलाह पर किसी भी कंपनी में अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई को बिना जोखिम का आकलन किए लगा देते हैं, जो उनके लिए नुकसान का सौदा साबित हो रहा है। यद्यपि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (#सेबी) ने भी निवेशकों को फाइनेंस इन्फ्लुएंसर्स तथा अन्य स्रोतों से मिली सलाह मानने से पहले रिसर्च करने की हिदायत बार-बार दे रहा है, किंतु अधिकांश निवेशक समय एवं वित्तीय ज्ञान की कमी के कारण बिजनेस चैनल तथा सोशल मीडिया पर दी जा रही सलाह पर निवेश कर रहे हैं।

पिछले कुछ सालों में देश में डीमैट अकाउंट, जो शेयर मार्केट में निवेश के लिए जरूरी अकाउंट है, की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। प्रति माह लगभग 21 लाख नए डीमैट अकाउंट खुल रहे हैं। 31 दिसंबर, 2023 तक भारत में डीमैट अकाउंट धारकों की संख्या 13.93 करोड़ हो गई थी, जो शेयर मार्केट के प्रति लोगों बढ़ते रुझान का प्रमाण है।

फाइनेंस इन्फ्लुएंसर या फिनफ्लुएंसर डिजिटल मीडिया, चैनल आदि के माध्यम से लोगों को निवेश के बारे में सलाह देते हैं। अपनी राय से लोगों के वित्तीय फैसलों को प्रभावित करते हैं। कुछ इन्फ्लुएंसर्स बड़ा कमीशन लेकर विशेष कंपनी के शेयर के पक्ष में माहौल बनाते हैं और बड़े मुनाफे का भी सपना दिखाते हैं। कई फाइनेंस इन्फ्लुएंसर्स दावा करते हैं कि वे शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग, इंट्राडे तथा अन्य ट्रेडिंग सेगमेंट के माध्यम से लाखों रुपये कमा रहे हैं। इन्हीं सबसे प्रभावित होकर लोग अपना निवेश किसी भी कंपनी में कर देते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक कार्यक्रम में कहा था, “10 में से 3-4 लोग सही सलाह देने वाले हैं, तो 6-7 ऐसे भी हैं, जो किसी और से प्रभावित होकर या किसी और की बातों में आकर निवेश को लेकर सलाह दे रहे हैं। किसी की भी सलाह का 'काउंटर-चेक' बेहद जरूरी है। अपनी मेहनत की कमाई सुरक्षित रखने के लिए कोई भी कदम उठाने से पहले कई सवाल पूछने चाहिए। इसके बाद ही निवेश का कोई फैसला लिया जाना चाहिए।

सेबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) सेगमेंट में रिटेल निवेशकों की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धि दिखी है। रिपोर्ट के मुताबिक, एफएंडओ में 10 में से 9 निवेशक घाटे में रहते हैं। कुछ फाइनेंस इन्फ्लुएंसर्स 30 हजार से 1.5 लाख रुपये की मोटी फीस लेकर ट्रेडिंग के कोर्स भी बेच रहे हैं। निवेशकों तक सही एवं निष्पक्ष जानकारी पहुंचाने के लिए सेबी फाइनेंस इन्फ्लुएंसर्स को पंजीकृत कराने के साथ दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने की योजना पर भी गंभीरता से काम कर रहा है।

ये बात नई नहीं है कि शेयर मार्केट में कुछ लोग कुछ कंपनियों के शेयर पंप एंड डंपकर मोटा मुनाफा बनाते हैं। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान छोटे निवेशकों का होता है। आज लाखों निवेशक, जिन्हें शेयर मार्केट का टेक्निकल एनालिसिस नहीं आता है, या जिनके पास समय नहीं है, वे लोग बिजनेस चैनलों पर दी जा रही सलाह को ही अधिक विश्वसनीय मानते हुए अपना निवेश कर रहे हैं।

सेबी ने 8 फरवरी, 2024 को अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें देश के एक प्रसिद्ध बिजनेस न्यूज चैनल के पांच एक्सपर्ट सहित 15 लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए उन्हें 7.41 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है। सेबी ने अपनी 127 पेज की रिपोर्ट में बताया है कि किस प्रकार से ये पांच एक्सपर्ट्स चैनल पर शेयर की सलाह देने से पहले अपने नजदीकी लोगों को उसकी जानकारी दे देते थे। ये लोग बड़ी संख्या में पहले ही शेयर पंप अर्थात् खरीद लेते थे।

चैनल पर इन एक्सपर्ट्स की सलाह प्रसारित होते ही निवेशक शेयर खरीदना शुरू कर देते हैं। शेयर में खरीदारी बढ़ते ही शेयर की कीमत बढ़ने लगती है। शेयर की कीमत बढ़ते ही एक्सपर्ट से जुड़े लोग अपने पास के शेयर डंप अर्थात् शेयर को बेच कर अपना मुनाफा बना लेते। इसमें एक्सपर्ट को भी भारी कमिशन मिल रहा था। सेबी ने इन लोगों की मिलीभगत को साबित करने के लिए काफी गहराई से छानबीन की है और अपनी रिपोर्ट में तारीख, समय, मीटिंग लोकेशन, फोन कॉल, मैसेज, बैंक स्टेटमेंट आदि की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की है, जो सेबी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

इससे पहले भी एक बिजनेस चैनल के दो एंकरों के खिलाफ सेबी ने ऐसा ही मामला उजागर कर उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। सेबी समय-समय पर #सोशल #मीडिया पर भ्रामक दावे करने या जानकारी देने वाले फाइनेंस इन्फ्लुएंसर्स पर भी कार्रवाई कर रहा है।  

वित्तीय सलाहकार मानते हैं कि सबसे पहले व्यक्ति को सुनिश्चित करना होगा कि उसको ट्रेडर बनना है या निवेशक। ट्रेडिंग अच्छा विकल्प है, लेकिन इसके लिए सबसे पहले #टेक्निकल #एनालिसिस तथा रिस्क मैनेजमेंट आदि सीखना होगा। साथ ही यह भी याद रखना होगा कि बिना सोचे-समझे ट्रेडिंग करने पर भारी नुकसान भी होता है।

निवेशक को अपने निवेश पर अच्छे रिटर्न के लिए लंबी अवधि का लक्ष्य रखना होगा। निवेशक को अपने घर, कार, बच्चों की पढ़ाई, शादी जैसे लक्ष्य के सर्टिफाइड वित्तीय सलाहकार की सलाह पर निवेश करना चाहिए। निवेश के लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प है। एसआईपी करें। बाजार का सबसे बड़ा सूत्र हमेशा याद रखें, जितना अधिक रिटर्न होगा उतना ही अधिक रिस्क भी होगा। निवेश से पहले मार्केट रिस्क को भी समझना होगा।

बाजार में जोखिम है लेकिन निवेश कोई जुआ नहीं है, बस सोच-समझकर निवेश करें, क्योंकि पैसा आपका है।

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